Shayaris by Ayushman Khurana With images:
Ayushmann Khurrana Shayari is an actor, singer, and television host. He is a man who has multiple feathers. He is a recipient of a National Film Award for best actor for his brilliant performance in Andhadhun.
Before achieving all this fame, he was also on the famous MTV show Roadies w
he won the second season of the show. Apart from this he is a pro in shayari and keeps updating his Twitter with the same. He has an amazing talent and that is Shayari.
All his movies are entertaining and he pulls off each role with ease. Ayushman chooses very specific scripts and that is most of his movies are loved by the audience and viewers.
So, today we have made a list of all the heartwarming Ayushman Khurana shayaris which will make you like him even more.
From writing about love, life, and adulting Ayushmann Khurrana shayari are beautiful in every sense of the word.
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Ayushman Khurana shayaris |
जमाने में तन्हाई का आलम तो देखिए
हम खुदको ताकते है ले ले के सेल्फियां
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Ayushmann Khurrana Shayari |
गलती करने का हक ना छीन मुझसे,
तू भी कहा होता मेरी जिंदगी में अगर ये हक ना होता
बचपन में पापा की लगाई बंदिशों को
तोड़ने में बहुत मजा आता था,
अब बड़े हो कर ख़ुद पर लगाई
बंदिशें तोड़ी नहीं जाती।
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Ayushmann Khurrana Shayari
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Guzar sahab shayri collection.
कुछ देर खेलेगी फिर तोड़ देगी,
मुझे सब पता है मगर
फिर भी मैं,
नींद के हाथ में ख़्वाब दे देता हूं।
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Ayushman Khurana shayaris |
Guzar sahab shayri collection.
माँ ने मेरे बचपन की तस्वीरें बहुत काम खिंची,
कहती है तुझे निखरनेसे फुरसत नहीं मिलती।
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Ayushmann Khurrana Shayari |
किसी दिन इतमीनान में मिलना तब बहुत अलग होता हूं,
मसरूफियत में तो बस अलग थलग होता हूं।
Zakir Khan Shayari collection
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Ayushman Khurana shayaris |
एक हसरत थी की कभी वों भी हमें मनाएं,
पर ये कमबख्त दिल कभी उनसे रूठा नहीं।
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Ayushman Khurana shayaris |
Zakir Khan Shayari collection
अच्छा किरदार निभाया है मेरे इश्क़ में ना रहने का,
अब चलो औकात पे वापस आ जाओ।
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Ayushman Khurana shayaris |
में गया था सोच के बातें बचपन की होंगी,
दोस्त मुझे अपनी तरक्की सुनाने लगे।
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Ayushman Khurana shayaris |
रास्ते खूबसूरत है तुम्हारे साथ...❤
मंज़िल की फिलहाल बात नहीं करते
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Ayushman Khurana shayaris |
रहने दे ये वहम मुझ को ....
की तू सिर्फ और सिर्फ मेरा है।❤
Zakir Khan Shayari collection
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Ayushman Khurana shayaris |
जिनके बिना दिन नहीं गुजरता था ....
उनके बिना साल गुजर गया वो भी ख़ुशी ख़ुशी।
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Ayushman Khurana shayaris |
Zakir Khan Shayari collection
बात बात पे मुस्कुराता है यह आदमी...
किसी छोटे शहर से आया लगता है।
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Ayushman Khurana shayaris |
जवानी के लालच में बचपन गया...
और अब अमीरी के लालच में जवानी जा रही है।
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Ayushman Khurana shayaris |
सीख कर गया है वो मोहब्बत मुझसे...
अब जिससे भी करेगा बेमिसाल करेगा ।
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Ayushman Khurana shayaris |
कपड़े सफ़ेद धो के जो पहने, तो क्या हुआ,
धोना वहीं जो दिल की सियाही को धोइए।
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Ayushman Khurana shayaris |
बताओ कौनसी बाहर ले कर आया है जनवरी...
मुझ तो दिसंबर में भी साल नया सा लगता है।
(Ayushmann Khurrana Shayari)
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Ayushman Khurana shayaris |
कुछ नहीं मिलता दुनिया में मेहनत के बगैर..,
मेरा अपना साया मुझे धूप में आने के बाद मिला
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Ayushmann Khurrana Shayari |
मंगना ही छोड़ दिया हमने वक़्त किसी से...
क्या पता उनके पास इनकार का भी वक़्त ना हो ।
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Ayushmann Khurrana Shayari |
यहां हर किसी को दरारों में झांकने की आदत है...,
दरवाजे खोल दो कोई पूछने तक नहीं आएगा।
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Ayushman Khurana shayaris |
उस गली ने ये सुन के सब्र किया...
कि जाने वाले यहां के थे ही नहीं।
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Ayushmann Khurrana Shayari |
पाओं जमीन रखे मेरे, रूह कभी ना मग्रूर थी,
परवाज़ ऐसी दी मुझे, जो मेरे तखय्यूल से भी दूर थी।
मंज़िलें पाँव पकड़ती हैं ठहरने के लिए,
शौक़ कहता है कि दो चार क़दम और सही
कितना आसान था बचपन में सुलाना हम को…
नींद आ जाती थी परियों की कहानी सुन कर.
“ज़िंदगी ने बहुत समझदार बना रखा है,
मुझे आज बस ज़िद करने का मन है।”
खुदा जाने के तग़ाफ़ुल है या नादानी उसकी वोह मेरा हाल समझता है| और समझता भी नहीं
“दिखाने लगता है वो ख़्वाब आसमानों के,
ज़मीं से जब भी मैं मानूस* होने लगता हूँ.”
हँसना चाहूँ भी तो हँसने नहीं देता मुझको,
ऐसा लगता है कोई मुझसे ख़फ़ा है मुझमें
एक अज़ीम सूरत जो गयी,
शहर की सभी सूरतें सामने आ गयी
कितना जानता होगा वो शख़्स मेरे बारे में,
मेरे मुस्कुराने पर जिसने पूछ लिया तुम उदास क्यूँ हो.
पहले दोस्त बने,
दोस्त से जान बने,
जान से अनजान बने,
और बस ज़िन्दगी आगे बढ़ गयी
ये तो परिन्दों की मासूमियत है वर्ना
दूसरों के घरों में अब आता जाता कौन है.
कोई गैर यार बने
कोई यार बने गैर
ऐसी ही है ज़िन्दगी
किसी मन्तक़ के बगैर
मैं गया था सोच के, बातें बचपन की होंगी,
दोस्त मुझे अपनी तरक़्क़ी सुनाने
लगे।
क्या है सुकून?
घर के आँगन की मिटटी में पहली बारिश की बूँद
बहुत दिनों बार तुम्हारी अलमारी खोली.
और मिला तुम्हारी खुशबु से.
जिसे मैं जानता हूँ तुमसे भी बेहतर.
क्यूंकि वोह रहती थी मेरे साथ तुम्हारे जाने के बाद भी.
अगली दफा एक छोटे बक्से में वोह खुशबु बंद करके ले जाऊंगा अपने साथ और रोज़ मिलूंगा तुम्हे थोड़ा थोड़ा
So, today we hope you all like this heart-warming Ayushman Khurana shayaris which will make you like him even more. Zakir Khan Shayari collection
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